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बाबा रामदेव के भ्रम फैलाने वाले विज्ञापन पर रोक

Janjwar Team
7 Sep 2017 4:12 PM GMT
बाबा रामदेव के भ्रम फैलाने वाले विज्ञापन पर रोक
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योगगुरु से मार्केटिंग बाबा बन चुके रामदेव के पतंजलि साबुन का एक विज्ञापन 2 सितंबर से मीडिया में छाया हुआ था, जिसमें बाजार में वर्चस्व फैलाए हुए अन्य कंपनियों के टॉयलेट साबुनों को रसायनयुक्त बताते हुए उन पर बाबा का विज्ञापन सीधे हमला कर रहा था। उस विज्ञापन पर 4 सितंबर को बॉम्बे हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है।

गौरतलब है कि सोमवार, 4 सितंबर को हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए पतंजलि के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी कि इस विज्ञापन के माध्यम से मार्केट में मौजूद अनेक साबुन ब्रैंड्स पर निशाना साधा गया है, जो ठीक नहीं है। इस तरह विज्ञापन पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।

इसी मामले पर संज्ञान लेते हुए मुुंबई हाईकोर्ट ने रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को निर्देशित किया है कि इस मामले में होने वाली अगली सुनवाई 18 सितंबर तक यह इस विज्ञापन का किसी भी तरह का प्रचार न किया जाए।

अभी भारत में 15 हजार करोड़ रुपए के साबुन ब्रैंडस के मार्केट पर हिंदुस्तान यूनिलीवर का कब्जा है। जाहिर तौर पर रामदेव की कंपनी के ऐसे विज्ञापन जिसमें उसके प्रोडक्ट को सीधे—सीधे खारिज किया गया है, से उसकी साख पर असर पड़ता। जबकि उसके साबुन के विज्ञापनों में बड़े—बड़े फिल्मी सितारे दिख चुके हैं।

हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि के केमिकल बेस्ड साबुन वाले विज्ञापन पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इस मामले में जब और जानकारी लेने की कोशिश की गई तो हिंदुस्तान लीवर ने मामले के कोर्ट में होने के कारण इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

पतंजलि के विज्ञापन में प्रतिद्वंद्वी ब्रांड्स लक्स, पियर्स, लाइफबॉय और डव टॉयलेट साबुनों का नाम लेकर अप्रत्यक्ष तरीके से उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि केमिकल बेस्ड साबुनों का प्रयोग न करके प्राकृतिक यानी पतंजलि का साबुन प्रयोग करें।

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