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गोरक्षकों ने गाय ले जा रहे एक मुस्लिम युवा को उतारा मौत के घाट, दूसरे को किया अधमरा

Janjwar Team
12 Nov 2017 8:48 PM GMT
गोरक्षकों ने गाय ले जा रहे एक मुस्लिम युवा को उतारा मौत के घाट, दूसरे को किया अधमरा
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हिंदूवादी संगठन के लोगों ने गाय लेकर जा रहे मुस्लिम युवाओं के साथ मारपीट की। उसके बाद गोली मारकर एक की हत्या कर दी गई और अंग-भंग किया गया, जबकि दूसरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है...

जयपुर। गाय के नाम पर इंसान को धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं हो रही हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी तमाम वादे करते हैं कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उमर खान और उनके साथी ताहिर पर गोरक्षा के नाम पर उस समय हमला किया गया, जब वे राजस्थान के अलवर के घाटमिका गांव में पिकअप से गाय लेकर जा रहे थे।

हमले में उमर खान की मौत हो गई और उनके साथी ताहिर की हालत गंभीर बनी हुई है। कहा जा रहा है कि पहले तो इन दोनों के साथ तथाकथित गोरक्षकों ने मारपीट की, फिर गोलियां चलाई। हत्या बहुत निर्मम ढंग से की गयी। जब गौरक्षक गुंडों को लगा कि किसान उमर खान मर गया तो वे उसे रेलवे लाइन पर ले गए, उस पर पटका, लाश का छत—विछत किया, जिससे लगे कि वह ट्रेन से टकरा के मर गया है।

पुलिस के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धर्म विशेष को निशाना बनाकर की गई इस हत्या के पीछे किसका हाथ है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। हालांकि ऐसे मामलों की फेहरिस्त बताती है कि गौरक्षक गुंडों द्वारा की गयी मुस्लिम व्यापारियों—किसानों की हत्या व हमले के आजतक किसी को एक दिन की भी सजा नहीं हुई है। जाहिर है यह काम बगैर पुलिस की सहमति और सांप्रदायिक सोच के संभव नहीं है।

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मुस्लिम संप्रदाय के मेव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले उमर खान की हत्या पर मुस्लिम खासा रोष व्यक्त कर रहे हैं। उमर खान का शव बरामद होने के बाद बड़ी संख्या में मेव समुदाय के लोग अलवर में इकट्ठा हो न्याय की मांग कर रहे हैं। मेव समुदाय के लोग कह रहे हैं कि हिंदूवादी संगठन के लोगों ने गाय लेकर जा रहे मुस्लिम युवाओं के साथ मारपीट की। उसके बाद गोली मारकर एक की हत्या कर दी गई और अंग-भंग किया गया, जबकि दूसरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।

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मेव समुदाय के लोग मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। मामले की रिपोर्ट गोविंदगढ़ थाने में दर्ज की गई है। उमर अलवर के पड़ोस के ज़िले भरतपुर का रहने वाले थे। मेव समुदाय के सद्दाम ने बीबीसी से कहा परिजन और रिश्तेदार दो दिन से उमर की तलाश कर रहे थे।

गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल अप्रैल में हरियाणा के पहलू ख़ान को कथित गौरक्षकों की भीड़ ने उस वक़्त खूब पीटा था जब वो जयपुर से गाय लेकर जा रहे थे। हिंदूवादी भीड़ ने पहलू ख़ान को इतना पीटा कि उनकी मौत ही हो गई थी। इस घटना के वक्त अलवर में राजनीतिक पार्टियां लोकसभा उपचुनाव की तैयारियां कर रही थीं।

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पहलू खान हत्या मामले में 6 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी, जिसमें सीबीसीआईडी ने जांच के बाद सभी को क्लीनचिट दे दी। इस मामले में यह बात भी गौर करने वाली है कि मृतक पहलू खान के पर्चा बयान के आधार पर बहरोड़ पुलिस द्वारा हिंदू संगठनों से संबंध रखने वाले 6 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने सभी नामजद 6 आरोपियों पर 5-5 हजार का इनाम रखा था। फोटो : हमले में घायल ताहिर

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