Begin typing your search above and press return to search.
समाज

7 महीने से कैद पत्नी को करवाचौथ पर पति ने कराया आजाद

Janjwar Team
8 Oct 2017 5:17 PM GMT
7 महीने से कैद पत्नी को करवाचौथ पर पति ने कराया आजाद
x

देश की करोड़ों महिलाओं द्वारा मनाए जा रहे करवाचौथ के पर्व में वह बदकिस्मत बेटी भी शामिल हो सकेगी जिसको उसके मां—बाप ने ही पिछले 7 महीनों से घर में कैदी बना के रखा हुआ था...

दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने सात महीने से अपनी मां के घर में कैदी की तरह रह रही एक लड़की को रेस्क्यू कराया है। इस लड़की की सिर्फ इतनी गलती थी कि इसने अपने माता पिता की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली थी। यह घटना पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास एरिया की है।

कल 7 अक्टूबर की रात तीन बजे एक व्यक्ति ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद के ट्वीटर हैंडल पर राजेश (नाम परिवर्तित) नेअपनी पत्नी सविता (नाम परिवर्तित) को उसके घर से रेस्क्यू कराने की मदद मांगी। राजेश ने कहा कि उसकी पत्नी को उसके ही घर वालों ने पिछले सात महीनों से घर में कैद करके रखा हुआ है।

सुबह होते ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने आयोग की मोबाइल हेल्पलाइन की को-आर्डिनेटर किरण नेगी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और लड़की को रेस्क्यू कराने के लिए भेजा। दिल्ली महिला आयोग की टीम पुलिस को साथ लेकर सविता के घर पहुंच गई। जहां सविता और उसका परिवार रहता है। शुरु में सविता अपने परिवार से बहुत डरी हुई थी इसलिए कुछ नहीं बोल रही थी। आयोग की टीम द्वारा उसकी काउंसलिंग करने के बाद सविता से सारी बात बता दी।

सविता ने बताया कि उसकी उम्र 20साल है और उसने जनवरी 2017 में माता पिता की मर्जी के खिलाफ एक लड़के राजेश के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। जिसके बाद दोनों नोएडा में एक साथ रह रहे थे। सविता ने बताया कि मार्च में उसकी मां की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई और उसके पिता का फोन आने के बाद वह अपने पति के साथ अपनी मां को देखने चली गई।

सविता के घर जाने के बाद उसके घर वालों ने उसे उसके पति के साथ वापस भेजने से मना कर दिया और और राजेश को वंहा से भगा दिया। सविता के घर वालों ने दोनों के शादी के सारे दस्तावेज भी फाड़ दिए और दोनों को जान से मारने की धमकी दी। सविता ने बताया कि 7 महीने से उसे घर में कैद करके रखा हुआ था उसे बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। घर पर हमेशा कोई न कोई रहता था। घर के बाहर ताला लगा कर रखा जाता था।

वहीं दूसरी ओर राजेश के घर वाले भी इस शादी के खिलाफ थे। इसलिए उसे अपने परिवार से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी। राजेश ने मदद के लिए दिल्ली पुलिस के अलावा यूपी पुलिस से भी मदद मांगी लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली।

लड़के ने बताया कि उसने 22 सितंबर को ट्वीटर पर ही दिल्ली व यूपी पुलिस को अपनी शिकायत लिखकर मदद मांगी थी लेकिन कोई मदद नहीं मिली। आखिरकार उसकी कोशिश उस समय कामयाब हुई जब उसने दिल्ली महिला आयोग से मदद मांगी। अब दोनों एक साथ हैं और दोनों ने पुलिस को लिख कर दिया है कि यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए दोनों के मा-बाप जिम्मेदार होंगे।

दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति जयहिंद ने कहा कि 21वीं सदी में देश की राजधानी दिल्ली में भी ऐसा हो रहा है की एक लड़की जो अपनी मर्ज़ी से शादी कर लेती है तो उसे कैद कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के लिए अभी बहुत लम्बी लड़ाई लड़ी जानी बाकी है। उन्होंने राजेश की हिम्मत की दाद दी जिसने हार नहीं मानी और अपनी पत्नी को वापस पा लिया। आयोग की चीफ ने लोगों से अपील कि यदि कोई अपने आस पास कुछ गलत होता देखता है तो आवाज़ जरूर उठायें। (फोटो प्रतीकात्मक)

Janjwar Team

Janjwar Team

    Next Story

    विविध