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समाज

सरकार ने लगाई कंडोम के विज्ञापनों पर पाबंदी

Janjwar Team
12 Dec 2017 12:16 PM GMT
सरकार ने लगाई कंडोम के विज्ञापनों पर पाबंदी
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सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दिया आदेश, कहा अब कंडोम के विज्ञापन रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच ही प्रसारित किए जाने चाहिए...

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने यह कहते हुए कंडोम के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है कि चूंकि कंडोम के विज्ञापन सिर्फ एक खास आयुवर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाये जाते हैं, इसलिए इनका प्रसारण सिर्फ रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ही किया जा सकेगा।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक बच्चों पर कंडोम के विज्ञापन देखने का बुरा असर पड़ता है। टीवी चैनलों को एक एडवाइजरी जारी कर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सख्त निर्देश दिया है कि वे सिर्फ रात 10 से सुबह 6 बजे तक ही कंडोम के विज्ञापन टीवी पर प्रसारित कर सकेंगे। यह समय इसलिए तय किया गया है, क्योंकि आमतौर पर बच्चे रात को दस बजे तक ही टीवी देखते हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनलों को 11 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा, 'सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि कंडोम के ऐसे विज्ञापन जो एक खास आयु वर्ग के लिए हो और जिनका प्रदर्शन बच्चों के लिए अनुचित हो सकता है उनका प्रसारण रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच ही किया जाए। इसमें 1994 के केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा सके।'

केंद्र सरकार ने अपने निर्णय को उचित ठहराते हुए कहा कि सूचना प्रसारण मंत्रालय का यह फैसला उन नियमों को आधार बनाकर लिया गया है, जिनके मुताबिक कोई विज्ञापन जो बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो और बच्चों का ध्यान भटकाने का काम करता हो या फिर उससे बच्चों में गलत आदतें विकसित होने का अंदेशा हो समाज में उसे प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।

साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे टीवी चैनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है जो इस आदेश का पालन नहीं करेंगे। केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमावली के नियम 7(7) का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि 'कोई भी केबल सेवा प्रदाता ऐसा विज्ञापन प्रसारित नहीं कर सकते जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ती हो या गलत व्यवहार के प्रति उनकी रुचि पैदा हो।'

गौरतलब है कि हमारे देश में सेक्स और गर्भनिरोधकों के बारे में अभी खुलकर बातचीत नहीं की जाती है। और तो और पति—पत्नी तक इन मसलों पर खुलकर बातचीत नहीं करते हैं।हां, रिश्तों को तार—तार करने वाली घटनाओं में भारत जरूर अव्वल है।

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