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पहली बार सामने आए वेश्यालयों के मालिक

Janjwar Team
21 Sep 2017 6:06 PM GMT
पहली बार सामने आए वेश्यालयों के मालिक
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दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने जीबी रोड पर चलने वाले कोठों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए सम्मन जारी कर उन्हें 21 सितंबर को आयोग में पेश होने के आदेश जारी किये थे।

इसी आदेश के बाद आज 21 सितंबर के दिन में कोठा चलाने वाले दिल्ली महिला आयोग के ऑफिस पहुंचे और उन्होंने स्वीकारा कि वे कोठा मालिक हैं। गौरतलब है कि डीसीडब्ल्यू ने कोठा मालिकों को निर्देश दिया था कि वे कोठे की ईमारत के मालिकाना हक के दस्तावेज लेकर हाजिर हों।

हालांकि सभी कोठा मालिक अभी सामने नहीं आए हैं। दिल्ली महिला आयोग में पहुंचे कोठा मालिकों के अलावा भी कई कोठा संचालक हैं जिनके नाम पर सम्मन जारी किया गया था, मगर वे आयोग में पेश नहीं हुए। इससे लगा कि उन्हें आयोग के सम्मन से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब डीसीडब्ल्यू ने ऐसे लोगों के नाम पुलिस को देकर, पुलिस से उन्हें आयोग में पेश होने के आदेश दिए हैं।

इसके बावजूद यदि कोठा मालिक आयोग में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा।

कोठा मालिकों के आयोग में पेश होने के मामले में डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल कहती हैं, जीबी रोड के कोठों पर अक्सर नाबालिग लड़कियों को लाकर बेचा जाता है और 30-30 लोग उनका यौन शोषण करते हैं। जब पुलिस वहां पर रेड करती है तो असली मालिक कभी सामने नहीं आते, बल्कि कोठों के संचालक व संचालिकाएं ही पकड़े जाते हैं जो बाद में कोठो के असली मालिक न होने की वजह से कोर्ट से छूट जाते हैं।

गौरतलब है कि मानव तस्करी का अड्डा बन चुके जीबी रोड के असली मालिकों तक पहुंचने के लिए दिल्ली महिला आयोग ने यह मुहिम चलाई है, ताकि जब जीबी रोड से कोई नाबालिग लड़की मिले तो कोठों के असली मालिकों को गिरफ्तार किया जा सके और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।

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