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राजनीति

मंत्र से डेंगू ठीक करने वाले बाबा के 'ब्रांड अंबेसडर' हैं राष्ट्रपति—प्रधानमंत्री

Janjwar Team
3 Nov 2017 11:41 AM GMT
मंत्र से डेंगू ठीक करने वाले बाबा के ब्रांड अंबेसडर हैं राष्ट्रपति—प्रधानमंत्री
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देश में कैसे होगा वैज्ञानिकता का विकास, जब राष्ट्रपति—प्रधानमंत्री ही बन जाएं अंधविश्वासी बाबाओं के 'ब्रांड अंबेसडर'

वैज्ञानिकता के विकास के लिए जीवन दे चुके नरेंद्र दाभोलकर जैसों की हत्या इस देश में सुगबुगाहट नहीं लाती, लेकिन धार्मिक ढोंगियों के मामले में के मामले में राष्ट्रपति—प्रधानमंत्री दरबानी करते दिखते हैं...

एपी मिश्र की रिपोर्ट

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जिस ब्रम्हर्षि श्री कुमार स्वामी नामक बाबा के भक्त हैं उनका दावा है कि वह मंत्रों से ठीक करते हैं डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियां और लाईलाज बीमारियों कर देते हैं 15 मिनट में ठीक, जिसका दुनिया के डॉक्टर नहीं कर पाए कभी इलाज

दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के चमड़ा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृपा शंकर भी जुटे हैं ढोंगी बाबा के प्रचार में, डॉक्टर का दावा कि हम डॉक्टरों के लिए विश्व का यह आठवां आश्चर्य

जनज्वार, दिल्ली। छात्र जब 'देश के वैज्ञानिक विकास में रोड़ा' विषय पर निबंध लिखें तो उन्हें एक बार मौजूदा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ओर भी देख लेना चाहिए जो उस बाबा की प्रशंसा में मर्सिया पढ़ते और सिर झुकाए एक विज्ञापन में खड़े दिखते हैं जो देश के स्वास्थ्य को मजाक बना रहा है, देश को जादू—टोने और टोटका की ओर आगे ले जा रहा है।

हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के दिल्ली संस्करण के पहले पन्ने पर एक पूरा पेज विज्ञापन छपा है। विज्ञापन के अनुसार हरियाणा के यमुनानगर जिले में 4 और 5 नवंबर को किसी परम पुज्य ब्रम्हर्षि श्री कुमार स्वामी जी द्वारा '506वें अदभुत प्रभु कृपा दुख निवारण समागम' होने जा रहा है।

इस विज्ञापन में रोगों के इलाज के जादुई परिणाम की दावेदारी की गयी है। दावेदारी को सही साबित करने और लोगों में भरोसा पैदा करने के लिए कई हवाले दिए गए हैं। गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के जरिए विज्ञापन में कहा गया है कि 'जिसका कोई इलाज ही नहीं था वह केवल 15 मिनट में ही सदा के लिए ठीक हो गया।'

गंभीर बात यह नहीं है कि गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का बाबा ने अपने ढोंग और पाखंड को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया है, क्योंकि जागरूक हो रहा देश बहुत ज्यादा ऐसे रिकॉर्ड्स पर भरोसा नहीं करता। पर गंभीर बात यह है कि इस अदभुत, अनोखे, जादुई और टोना—टोटका वाले इलाज की दावेदारी को सही साबित करने और लोगों को भरमाने के लिए देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का इस्तेमाल हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी का फोटो चिपकाकर विज्ञापन में प्रधानमंत्री की ओर से बाबा की तारीफ में कसीदे पढ़े गए हैं। प्रधानमंत्री इस बाबा के पक्ष में लिखते हैं, 'मैं ब्रम्हर्षि श्री कुमार स्वामी जी को बधाई देता हूं और भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के कार्यों की प्रशंसा करता हूं।'

प्रधानमंत्री द्वारा पढ़े गए उन कसीदों के ठीक नीचे एक महिला का फोटो लगाकर विज्ञापन में लिखा है, 'डेंगू के कारण श्रीमती पुष्पा रानी के प्लेटलैट्स लगातार कम होते जा रहे थे और घटकर केवल 50 हजार रह गए थे। श्रीमती पुष्पा रानी की बेटी सरोज बताती हैं कि दवाइयों के बावजूद उनकी मम्मी की हालत बहुत खराब होती जा रही थी। संकट की इस घड़ी में उन्होंने अपनी मम्मी के लिए दिव्य बीज मंत्रों का पाठ किया। पाठ की शक्ति से जब उनकी मम्मी का दोबारा टेस्ट हुआ तो उनके प्लेटलैट्स 1 लाख 24 हजार हो गए। प्रभु की कृपा से वे पूर्णरूप से स्वस्थ्य हो गईं। प्रभु कृपा के विज्ञान को देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।'

ऐसे हैं प्रधानमंत्री के श्री कुमार स्वामी जी, जो देश के सबसे खतरनाक और जानलेवा बुखार डेंगू का इलाज मंत्रों से ठीक कर देते हैं।

पर मामला यहीं नहीं रुकता, यहां एक तो नीम दूजे करेला वाली कहावत चरितार्थ होती है। विज्ञापन में प्रधानमंत्री के ठीक बगल वाली फोटो में साक्षात राष्ट्रपति रामनाम कोविंद बाबा के चरणों के समीप हाथ जोड़े खड़े हैं। कैप्शन भी लगा है, 'द्वारका, दिल्ली के समागम में परम पूज्य ब्रम्हर्षि श्री कुमार स्वामी जी से आशीर्वाद ग्रहण करते परम आरणीय महामहिल श्री रामनाथ कोविंद जी।'

राष्ट्रपति इस बाबा की तारीफ में दो कदम और आगे निकल जाते हैं और बाबा की विज्ञान और इलाज की वैज्ञानिक पद्धति को मुंह चिढ़ाने और जनता का ढगने वाली जादुई इलाज पद्धति की तारीफ करते हुए बाबा के टोना—टोटका के पक्ष में कहते हैं, 'मैंने गुरुजी से मंत्र लिए हैं। मैं आपके सामने हूं, इनके द्वारा दिए गए पाठ से बढ़कर कुछ भी नहीं है। गुरुजी जो दे रहे हैं वे शास्त्रों के हैं, कोई पाखंड नहीं है। यह सत्य है, कोई छल कपट, झूठ नहीं है। मुझ पर इनकी बहुत कृपा है।'

राष्ट्रपति के बारे में ब्रम्हर्षि श्री कुमार स्वामी दावा कर चुके हैं कि वह राष्ट्रपति उनकी कृपा से ही बने हैं। मीडिया में खुद स्वामी ने कहा था, 'वह राष्ट्रपति बनने से पहले मुझसे आशीर्वाद लेने आए थे। उनको उम्मीद थी कि वह उपराष्ट्रपति बनेंगे, लेकिन मेरे मंत्र के कारण वह राष्ट्रपति बने।'

ये हैं राष्ट्रपति, जिन्हें इस देश के पहले नागरिक होने का गौरव प्राप्त है। आप खुद फोटो में इसकी पुष्टी कर सकते हैं उन्होंने किस तरह किलो के भाव से बाबा की तारीफ की है। आप गूगल कर वह वीडियो भी देख सकते हैं जिसमें ब्रह्मर्षि बाबा ने साफ कहा है कि कोविंद जी राष्ट्रपति उनके मंत्र से बने।

बाबा के दावे, राष्ट्रपति—प्रधानमंत्री की तारीफें और एक डॉक्टर का इस जादू—टोना वाले इलाज पर दिया गया बयान, स्पष्ट करता है कि इस देश में अवैज्ञानिकता के खिलाफ लड़ने वाले नरेंद्र दाभोलकर जैसों को क्यों मार दिया जाता है और क्यों ढोंगी संत और महात्मा इस देश को अपनी अवैज्ञानिकता और शोषण के पंजे में समेटते जाते हैं।

इसलिए अब पूरी जिम्मेदारी आप पर है कि आप भरोसा विज्ञान, तर्क और समाज की वैज्ञानिकता पर करते हैं या फिर मूढ़ों, ढोंगियों और सत्ता लोलुप नेताओं की भरमाने वाले प्रचार तंत्र का शिकार बनते हैं।

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