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समाज

आदिवासी युवती का 8 युवकों ने किया सामूहिक बलात्कार

Janjwar Team
8 Sep 2017 1:40 PM GMT
आदिवासी युवती का 8 युवकों ने किया सामूहिक बलात्कार
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हादसे के बाद पीड़िता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह सदमे में है। परिवार में मिताली की मां की मौत हो चुकी है...

झारखंड। दुमका में अपने पुरुष मित्र के साथ घूमने गई आदिवासी युवती के साथ आठ युवाओं ने सामूहिक बलात्कार किया। इतना ही नहीं बलात्कार के बाद उस युवती और उसके दोस्त को नंगा कर उनका फोटोशूट भी किया गया। कांड को अंजाम देने के बाद सबूत मिटाने के लिए पीड़ित युवती को डोभा से नहलाकर आरोपी भाग गए। हालांकि मेडिकल परीक्षण में युवती के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है।

घटनाक्रम के मुताबिक 20 वर्षीय आदिवासी युवती मिताली (परिवर्तित नाम) 6 सितंबर की शाम को दुमका में ही अपने एक दोस्त के साथ घूमने निकली थी, जहां सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय परिसर के पास आठ युवकों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।

घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित युवती को दुमका के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मेडिकल परीक्षण में उसके साथ सामूहिक बलात्कार होने की पुष्टि हुई। अस्पताल में ही पीड़ित मिताली का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया।

इस मामले में पुलिस ने दुमका और पाकुड़ से 10 युवकों को अपनी हिरासत में लिया, जिनसे पूछताछ जारी है।

सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई मिताली दुमका में अपने भाई के साथ रहती है और एक बाइक शोरूम में काम करती है, जबकि उसका दोस्त कोलकाता में सीए की तैयारी कर रहा है।

मिताली के दोस्त ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह उसके साथ 6 सितम्बर की शाम सवा छह बजे बाइक से घूमने निकला था। जब वो दोनों विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकल रहे थे तो मिताली टॉयलेट करने झाड़ियों के पीछे गई। झाड़ियों के पीछे पांच लड़के बैठे हुए थे, जिन्होंने हम दोनों को पकड़ लिया और हमारे साथ मारपीट की।

मेरे और मिताली दोनों के मोबाइल और पर्स छीन लिए गए। इतना ही नहीं मुझसे 5500 रुपए रंगदारी भी मांगी। जब मैंने पैसे मंगाने की बात कही, तो उन लड़कों ने उसे फोन करने नहीं दिया। हां, फोन कर उन्होंने अपने साथियों को घटनास्थल पर जरूर बुला लिया।

हम दोनों को उन आठ लड़कों ने निर्वस्त्र कर दिया। पांच लड़कों ने मिताली के दोस्त के गले पर चाकू धरकर डराया और उसके पास रहे जबकि बाकी लड़के युवती को उठाकर झाड़ियों में ले गए। उन आठों ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बलात्कार के बाद मिताली को डोभा में नहलाया, ताकि बलात्कार की पुष्टि न हो पाए और उसके साथी के पास नग्नावस्था में छोड़कर भाग गए।

अचेत पड़ी मिताली को उसका दोस्त उठाकर देर रात दुमका के मुफ्फसिल थाना ले गया और मामले की जानकारी पुलिस को दी। थाना प्रभारी विनय सिन्हा ने तत्काल एक्शन लेते हुए मिताली को सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

इस मामले में दुमका से छह युवकों को हिरासत में लेकर पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। कल 7 सितम्बर को अस्पताल में पीड़िता का भी बयान दर्ज किया।

आरोपी कब गिरफ्त में आएंगे? के जवाब में डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि वारदात को अंजाम देने वालों में कुछ गैर आदिवासी युवा भी शामिल हैं। फरार युवकों को ढूंढने के लिए पुलिस छापे मार रही है। जल्द ही आरोपी पुलिसिया गिरफ्त में होंगे।

पीड़िता से अस्पताल में मिलने पहुंचे खाद्य अापूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि फिलहाल पीड़िता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। सरकार उसकी हरसंभव मदद करेगी। दोषियों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए, वरना माना जाएगा कि प्रशासन से चूक हुई है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन जैसे मसले भी ऐसी घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इससे सरकार और समाज को नुकसान हो रहा है।

इस हादसे के बाद पीड़िता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह सदमे में है। परिवार में मिताली की मां की मौत हो चुकी है। जबकि बीएसएफ में रहे पिता ने रिटायर होने के बाद पश्चिम बंगाल में एक महिला से शादी कर ली और अभी मुर्शिदाबाद में रहते हैं। इसीलिए वह दुमका में अपने भाई के साथ रह रोजी—रोटी के लिए एक शोरूम में काम करती थी।

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