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मुंबई के अस्पताल में एमआरआई मशीन में फंसा युवक, हुई दर्दनाक मौत

Janjwar Team
28 Jan 2018 3:25 PM GMT
मुंबई के अस्पताल में एमआरआई मशीन में फंसा युवक, हुई दर्दनाक मौत
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गैस पेट में जाते ही राजेश का शरीर गुब्बारे की तरह लगा फूलने, आंखें तक निकल आई थीं बाहर...

मुंबई। अस्पतालों और लापरवाही के कारण होने वाले हादसे की खबरें और डॉक्टरों के असंवेदनशील रवैये की खबरें लगातार सुर्खियों में हैं। हालिया मामला मुंबई के एक अस्पताल का है जहां एमआरआई मशीन में फंसकर दर्दनाक तरीके से एक युवा मौत के मुंह में समा गया।

घटनाक्रम के मुताबिक मुंबई के नायर अस्पताल में 32 साल के राजेश मारू अपनी मां से मिलने आए थे। उसी दौरान उन्हें मां के एमआरआई के लिए डॉक्टरों द्वारा कहा गया तो वे एमआरआई रूम में गए। मां की देखभाल करने वाली नर्स और वार्डबॉय ने राजेश से कहा कि वे आॅक्सीजन सिलेंडर अपने साथ लेते जाएं।

राजेश जैसे ही एमआरआई वाले कमरे में गए, मैग्नेटिक पावर के चलते मशीन ने अपनी तरफ खींच लिया। इस दौरान उनके हाथ में मौजूद सिलिंडर खुल गया और उसकी गैस मुंह के जरिए राजेश के पेट में चली गई। गैस पेट में भर जाने के कारण राजेश की हालत बहुत बिगड़ गई।
थोड़ी देर बाद ही जब उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया, तो उनकी मौत हो चुकी थी। गैस पेट में जाते ही राजेश का शरीर गुब्बारे की तरह फूलने लगा और उसकी आंखें तक बाहर आ गई थीं।

इस मामले में जांच कर रही मुंबई पुलिस ने सिद्धांत शाह नाम के डॉक्टर और वॉर्ड बॉय विट्ठल चव्हाण तथा महिला वॉर्ड कर्मचारी सुनीता सर्वे के खिलाफ धारा 304 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मृतक को ऑक्सीजन सिलेंडर थमाने वाले वार्ड बॉय को भी सस्पेंड कर दिया गया है। अस्पताल प्रशासन ने इस दौरान की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दी है।

हालांकि इस मामले में जान गंवाने वाले राजेश के परिजनों को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, मगर इससे अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और संबंधित स्टाफ का दोष कम नहीं हो जाता।

राजेश की मौत को उसके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा है कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मृतक राजेश के जीजाजी हरीश कहते हैं, 'हम सभी इस घटना से सदमे में हैं। अस्पताल के एक वॉर्ड बॉय ने उन्हें एमआरआई रूम में ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाने को कहा, जो कि पूरी तरह निषेध है। एमआरआई रूम में मेटल की वस्तुएं ले जाने पर रोक है।

राजेश की मौत अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हुई। वहां कोई सिक्यॉरिटी गार्ड भी मौजूद नहीं था, जो उन्हें बताता कि एमआरआई रूम में आॅक्सीजन सिलिंडर नहीं ले जा सकते। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एमआरआई रूम के बाहर मौजूद गार्ड ने राजेश की चैन, घड़ी समेत अन्य मेटल का सामान तो उतरवा लिया, मगर आॅक्सीजन सिलेंडर ले जाने दिया।

मृतक के परिजनों के मुताबिक राजेश से वॉर्ड बॉय ने कहा था कि एमआरआई मशीन बंद है, जबकि जब राजेश को अंदर बुलाया गया तो एमआरआई मशीन चालू थी जैसे ही राजेश अंदर गया सिलिंडर के मेटल के चुंबकीय शक्ति की वजह से मशीन ने उन्हें अपनी तरफ खींच लिया। दो मिनट में ही वहीं पर उनकी मौत हो गई।

गौरतलब है कि इस मामले में अभी तक अस्पताल के किसी भी अधिकारी ने दुर्घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। मृतक के शव को फिलहाल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना की सही जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मृतक के परिजन बीजेपी विधायक एमपी लोढ़ा के साथ अस्पताल के डीन के केबिन में ही धरना दे रहे हैं।

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