तथाकथित समाज के ठेकेदारों को यह मानने में क्यों संकोच है कि हमारे समाज के मर्दों का बहुतायत कुंठित हो चुका है और वह अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं। उन्हें बच्ची, लड़की, बुजुर्ग महिला सब 'माल' नजर आती हैं...
जनज्वार, दिल्ली। हमारे नेता—प्रतिनिधि, समाज के तथाकथित ठेकेदार किसी भी रेप या गैंगरेप की घटना होने के बाद कुतर्क करते हैं कि लड़की देर रात घर से लौटेगी या छोटी ड्रेस पहनेगी तो ऐसी घटनाएं तो होंगी ही। लड़कियां एक्सपोज इतना करती हैं कि लड़के बेकाबू हो जाते हैं और रेप जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, यह तर्क भी हमारे समाज के ये ठेकेदार देने से नहीं चूकते। मगर सालभर से भी कम उम्र की बच्ची ने कौन सी छोटी ड्रेस पहनी होगी या फिर वो कौन सा देर रात घर लौटी होगी कि वह किसी की हवस का शिकार हो गई। वो कौन सा ग्लैमर बिखेर रही थी या अंग प्रदर्शन कर रही थी।
आठ महीने की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने वाला भी कोई और नहीं बल्कि उसका चचेरा 28 वर्षीय शादीशुदा भाई। इन तथाकथित समाज के ठेकेदारों को यह मानने में क्यों संकोच है कि हमारे समाज के मर्दों का बहुतायत कुंठित हो चुका है और वह अपना मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं। उन्हें बच्ची, लड़की, बुजुर्ग महिला सब 'माल' नजर आती हैं।
राजधानी दिल्ली के नेताजी सुभाष पैलेस इलाके में आठ महीने की बच्ची का बलात्कार कर खून से लथपथ हालत में छोड़कर आरोपी भाग गया। घटनाक्रम के मुताबिक 28 जनवरी को दिन में जब बच्ची की मां को काम करने घर से निकलता था तो बच्ची के ताउजी का बेटा सूरज उनके कमरे में आया और अपनी चाची से बोला कि वह बच्ची को संभाल लेगा, आप अपने काम पर जाइये।
बच्ची की मां काम पर गई और सूरज ने मासूम को अपनी हवस का शिकार बना लिया। फिर बच्ची को खून से लथपथ और रोता हुआ छोड़कर आरोपी वहां से भाग गया।
बलत्कृत बच्ची की मां कोठियों में सफाई का काम करती है, जबकि पिता मजदूरी करते हैं। जब वह कोठियों में सफाई का काम करने जाती तो अक्सर अपनी छोटी बच्ची को जेठानी के पास छोड़ जाया करती थी या कहती थी कि वह बच्ची को बीच—बीच में देख लिया करे। जेठानी का परिवार भी उसी घर में रहता था, जिसमें पीड़ित बच्ची मां—बाप के साथ रहती थी।
उस दिन भी वह काम पर जाने से पहले जेठानी को ही बच्ची को सौंपने जा रही थी कि उसका भतीजा सूरज कमरे में आ गया।
शाम को जब बच्ची की मां घर आई तो उसने देखा बच्ची लगातार रो रही है और खून से लथपथ है। मामले की शिकायत पुलिस से की गई। पहले तो आरोपी नकारता रहा कि उसने बच्ची के साथ बलात्कार नहीं किया, मगर जब सख्ती की गई तो उसने स्वीकार किया कि बच्ची का रेप उसी ने किया है और उसने जब यह कांड किया तो शराब के नशे में धुत्त था।
पीड़ित बच्ची के मां—बाप के बयान के आधार पर सूरज पर पोस्को एक्ट तथा आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि समाज में जितनी भी बलात्कार की घटनाएं सामने आती हैं उनमें तकरीबन 90 फीसदी मामलों में आरोपी जान—पहचान वाले और नजदीकी रिश्तेदार होते हैं, और यहां भी एक भाई ने ही अपनी अबोध बहन का बलात्कार कर अपनी हवस मिटाई।
फिलहाल बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि 3 घंटे की एक सर्जरी के बाद बच्ची की हालत में सुधार के आसार हैं, फिलहाल उसकी हालत स्थिर है।