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जनज्वार विशेष

खुलासा : नमो एप्प के लीक होने से देश की सुरक्षा को है खतरा

Janjwar Team
27 March 2018 6:51 PM GMT
खुलासा : नमो एप्प के लीक होने से देश की सुरक्षा को है खतरा
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कोई मंत्री या सांसद नमो एप्प पर जाकर प्रधानमंत्री या पीएमओ के मैसेज का जवाब नहीं दे और रिट्वीट न करे तो अगले दिन पीएमओ से फर्रा आ जाता है, ऐसे में यह लीक होगा तो देश कैसे रहेगा सुरक्षित

जनज्वार, दिल्ली। 'शुरू में हमलोगों को लगता था चलो मोदी जी कुछ डिजिटल भारत बनाने के लिए स्मार्ट काम कर रहे हैं जो हम मंत्रियों को समझ नहीं आता। फिर लोकसभा में जिस तरह मोदी के कारण जीत मिली थी उससे भी हम लोग कुछ कह नहीं पाते थे। लेकिन अब तो जिस तरह से एक के बाद एक डाटा लीक हो रहा है, उससे हम लोगों को भी डर लगने लगा है। मुझे ऐसा लगता है कि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।'

नमो एप्प के लीक होने की खबर के बाद जनज्वार से बातचीत में एक केंद्रीय मंत्री ने अनौपचारिक बातचीत में अपनी यह आशंका व्यक्त की। जनज्वार संवाददाता से मंत्री की मुलाकात एक कार्यक्रम में भोजन के दौरान हुई थी, जहां उन्होंने यह बात कही। हालांकि इस बात को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला बहुत ही साफ तौर पर कह चुके हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो बाकायदा इस लीक कांड का मजाक उड़ाया है। तंज कसते हुए मोदी को राहुल ने कहा, 'मोदी जी मैं डाटा लीक करके अमेरिका भेज रहा हूं।'

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मंत्री ने कहा कि कोई मंत्री यह अपनी बात अपने नाम से नहीं बताएगा, अभी इतनी कूवत नहीं है किसी मंत्री की कि वह मोदी और पीएमओ की किसी योजना पर उंगली उठा दे, पर आपलोग 'पत्रकार' तो उठा ही सकते हैं, सवाल पूछ ही सकते हैं? आपलोगों ने सवाल पूछना ही बंद कर दिया है।'

जनज्वार ने जब मंत्री से जानना चाहा कि आखिर नमो एप्प का लीक होना या उसकी डाटा का एक्सेस किसी विदेशी कंपनी के पास होना देश के लिए खतरा कैसे है तो उन्होंने कहा, 'कम लोग जानते हैं कि नमो एप्प का असल इस्तेमाल मंत्रियों के लिए ही होता है। मंत्रालय के जो भी निर्णय हैं या उसको आगे बढ़ाना है, उसे नमो एप्प पर डालना होता है। मतलब सरकार की हर गतिविधि उस पर शेयर होती है। आखिर सरकार इसका इस्तेमाल सुविधा के तौर पर करती है, कोई देश से गद्दारी तो करती नहीं, फिर लीक से खतरा कैसे नहीं है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, 'भाजपा और सरकार का यह गाल बजाना ही है क्योंकि खुलासे के अगले ही दिन नमो एप्प ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी बदल दी। इससे साफ है कि नमो एप्प के जरिए करोड़ों लोगों का डाटा एक प्राइवेट कंपनी को पहुंच गया है। खासकर मंत्रियों और सरकार के निर्णय भी।'

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मंत्री की इस बात को हल्के में इसलिए नहीं लिया जा सकता कि अभी पूरी दुनिया ने देखा कि विश्व की सबसे कुख्यात डाटा चोर कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने कैसे फेसबुक की साझेदारी में करोड़ों लोगों की व्यक्गित जानकारी जुटाकर राजनीति और विश्व आर्थिकी को प्रभावित किया है। उसका खुद का दावा है कि उसने 5 करोड़ लोगों का डाटा चुराकर अमेरिकी प्रधानमंत्री डोनॉल्ड ट्रंप को जिताया। ऐसे में अगर भारत के पीएमओ और कैबिनेट का डाटा लीक कर कोई कंपनी हमारे देश में नफरत, दहशत फैलाकर संसाधनों और राजनीति पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करेगी, इसकी क्या गारंटी है।

यह ज्यादा खतरनाक इसलिए है कि प्रधानमंत्री कार्यालय या उनकी पार्टी भाजपा इसे एक भूल मानकर फौरी तौर पर सुधारने की बजाए तरह—तरह से गलती छुपाने के तर्क देक रहे हैं और उस डाटा चोर कंपनी in.wzrkt.com को सह और जगह दे रहे हैं।

नमो एप्प का किसी मंत्री की जिंदगी में क्या रोल है, उसके बारे में बिहार से आने वाले एक मंत्री के पीएस ने बताया कि हर मंत्री को सुबह उठते सबसे पहले नमो एप्प चेक करना पड़ता है। मतलब फ्रेश होने से पहले, क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो 4 बजे उठ जाते हैं। यह एप्प वैसे ही है जैसे फेसबुक। आप उसको शेयर कर सकते हैं, कमेंट कर सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं और कामों की जानकारी दे सकते हैं। अगर आप उसे देखें तो सभी मंत्री और सांसद एक ओर से उसे शेयर करते हैं या फिर मोदी जी वाहवाही करते हैं। आप उस एप्प में किसी मंत्री का कोई सुझाव नहीं पाएंगे। हिम्मत किसमें है भाई।'

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एक दूसरे मंत्री के साथ काम करने वाले कर्मचारी के मुताबिक अगर हमने गलती से नमो एप्प पर डाले बगैर ट्वीटर पर या सीधे मीडिया को कोई खबर दे दी तो अगले ही दिन पीएमओ से मेल पर फर्रा आ जाता है। उस कर्मचारी के मुताबिक मंत्री क्या ट्वीट करेंगे, उसे भी पीएमओ से स्वीकार कराना पड़ता है।

लीक होने की सचाई
एलियट ऐल्डरसन नाम के फ्रांस के एक हैकर ने नरेंद्र मोदी ऐप को लेकर कई आरोप लगाए हैं। उसने कई ट्वीट कर कहा है कि नरेंद्र मोदी ऐप पर यूजर की ईमेल आईडी, फोटो, जेंडर और नाम समेत सभी व्यक्तिगत डेटा बगैर उसकी जानकारी के थर्ड पार्टी को भेजा जा रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने इससे इनकार किया है पर फ्रांस के हैकर ने कहना कि 'जब आप नरेंद्र मोदी ऑफिशल ऐप पर प्रोफाइल बनाते हैं तो आपके मोबाइल की जानकारी (ओएस, नेटवर्क टाइप और नेटवर्क प्रोवाइडर) और आपकी व्यक्तिगत जानकारी (ईमेल, फोटो, जेंडर और नाम) आपकी जानकारी के बगैर in.wzrkt.com नाम के थर्ड पार्टी डोमेन को भेजी जाती है।'

हैकर ने आगे कहा है कि भारत चाहे जो बहाना बनाए पर यूजर की मर्जी के बगैर थर्ड पार्टी को डाटा देना गूगल प्ले स्टोर टर्म्स के भी खिलाफ है। बीजेपी का कहना है कि डाटा लीक से सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है बल्कि कंपनी केवल एनालिटिक्स करती है। पर सवाल है कि थर्ड पार्टी को एनालिटिक्स का अधिकार पीएमओ द्वारा संचालित नमो एप्प किस रिश्तेदारी में करने दे रहा है।

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फेक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज ने बाद में ऐल्डरसन के दावों को सही पाया। भारत में खबरों की सचाई का पता लगाने वाली वेबसाइट अल्ट न्यूज ने भी अपनी पड़ताल में नमो एप्प से अमेरिकी कंपनी को डाटा पहुंचने की बात को सौ फीसदी सही पाया है। वेबसाइट ने अपनी एक खबर में बहुत विस्तार से बताया है कि कैसे भारत सरकार की गतिविधियों की जानकारियां हर पल एक विदेशी कंपनी को भेजी जा रही हैं।

पाठकों को याद होगा कि प्रधानमंत्री मोदी 28 दिसबंर 2017 को संसदीय दल की बैठक में नमो एप्प को लेकर खासे नाराज हुए थे। उन्होंने संसदीय दल की बैठक में दो टूक नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सांसद और मंत्री उनके गुड मॉर्निंग और एसएमएस तक का जवाब नहीं देते। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत सभी बीजेपी सांसदों समेत सभी मंत्रियों ने भाग लिया। पीएम ने कहा कि पार्टी के सांसद ही नरेंद्र मोदी ऐप को कई-कई दिनों तक नहीं देखते और ना ही मेरे एसएमएस का रिप्लाई करते हैं। सवाल है कि ऐसा क्या है नमो एप्प में?

क्या है नरेंद्र मोदी एप्प या नमो एप्प
नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के दूसरे साल 2016 में नमो एप्प लांच करा दिया। इसका मकसद लोगों को मोदी सरकार के किए कामों से परिचित कराना था। पर आगे चलकर यह एप्प मुख्यतौर पर मंत्रियों की हाजिरी के लिए इस्तेमाल होने लगा। आज हालत यह है कि पीएमओ का आदेश है कि हर मंत्री को नमो एप्प पर अपनी योजनाओं, गतिविधियों और सरकारी नीतियों के फेरबदल की पहली जानकारी नमो एप्प पर डालनी होती है। एप्प से जुड़े सूत्रों ने जनज्वार को बताया कि अगर कोई मंत्री नमो एप्प पर जानकारी डालने से पहले ट्वीटर पर शेयर कर देता है तो उसे पीएमओ से नोटिस आ जाती है।

नमो एप्प का इस्तेमाल देश की सुरक्षा पर खतरा कैसे है?
अब जबकि यह साफ हो गया है कि नमो एप्प की हर जानकारी का एक्सेस एक निजी अमेरिकी कंपनी को जाता है, ऐसे में दुनिया का कोई भी देश या आतंकी संगठन हमपर हमला कर सकता है, देश की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है। उदाहरण के तौर पर गृह मंत्रालय अगर सेना या आतंकी संगठनों से संबंधित कोई निर्णय लेता है तो उसकी जानकारी सबसे पहले नमो एप्प पर डालनी होती है, जिससे इस जानकारी को पीएमओ प्रधानमंत्री तक पहुंचाता है। पर सवाल यह है जो जानकारी हमारा गृहमंत्रालय अपने प्रधानमंत्री को दे रहा है वही जानकारी एक अमेरिकी कंपनी को क्यों एक्सेस करने दिया जा रहा है। दूसरी बात यह है कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पिछले वर्ष मार्च में ही दावा कर दिया था कि इस एप्प से 80 लाख लोग जुड़ चुके हैं।

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कैसे काम करता है नमो एप्प
इस एप्प का मुख्य कर्ताधर्ता पीएमओ है और वह प्रधानमंत्री को हर रोज अपडेट करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुविधा इसलिए ली कि इससे सभी मंत्रियों और उनके निर्णयों की जानकारी एक मंच पर रहेगी। हालांकि मंत्रियों का अलग एक प्राइवेट ग्रुप भी है इस एप्प में। पर जब पूरा एप्प ही कहीं और लीक हो रहा है तो ग्रुप प्राइवेट या ओपन, इससे क्या फर्क पड़ता है।

एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'यह अनौपचारिक डिजिटल फोरम है, जहां मंत्री और प्रधानमंत्री एक-दूसरे से आइडिया पर चर्चा और अन्य बातचीत कर सकते हैं।'

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